एक मुखी रुद्राक्ष की जानकारी
मोना को रुद्राक्ष पहनना अच्छा लगता हैं। जब उसने रुद्राक्ष पहन कर उसके महत्व को समझा तो सोचा कि चलो सभी रुद्राक्ष की जानकारी सबको बताई जाए जिससे सब उसका लाभ उठा सके। रुद्राक्ष के फल (रुद्र+अक्ष) शिवजी की आँख का प्रतिरूप हैं इसीलिए रुद्राक्ष शिवजी को सर्वाधिक प्रिय है। शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शंकर ने कड़ी तपस्या के उपरांत जब अपने नेत्र खोले तो उनके नेत्रों से कुछ अश्रु की बूँदे गिरीं। अश्रु की उन बूँदो से वहाँ रुद्राक्ष नामक एक वृक्ष पैदा हो गया। बस, तभी से रुद्राक्ष की उत्पत्ति मानी गई।
शिव जी की आँखों से जो पहली बार और पहली बूँद आँसू गिरी, वह एक मुखी रुद्राक्ष के रूप में उत्पन्न हुई। हर व्यक्ति कोई भी रुद्राक्ष धारण नहीं कर सकता. रुद्राक्ष ज्योतिष की सलाह से ही धारण करना चाहिए।
पद्म पुराण के 57वें अध्याय में 38-39वाँ श्लोक में एक मुखी रुद्राक्ष के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि, “एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है जो समस्त पापों का नाश करता है। अतः इसके धारण करने से व्यक्ति को स्वर्ग लोक और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हे कार्तिकेय! एक मुखी रुद्राक्ष को वही व्यक्ति धारण करने के योग्य होगा जो धार्मिक रूप से विश्वसनीय, शिव की कृपा और कैलाश पर्वत को प्राप्त कर सके”। एक मुखी रुद्राक्ष घर के पूजा स्थान पर रखा जा सकता है या किसी व्यक्ति द्वारा पहना जा सकता है । यह रुद्राक्ष सकारात्मकता और शांति लाता है। और जो व्यक्ति इसे धारण करता है उस पर भगवान शिव और महालक्ष्मी की कृपा होती है।
एकमुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है
यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हो अथवा अस्त तो एक मुखी रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए। इसको धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी की माला के साथ पहनें अथवा इसे काले/लाल धागे के साथ पहनें
रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करें
धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल या दूध से शुद्ध करें
प्रात: काल में सूर्य को तांबें के पात्र से जल और लाल पुप्ष चढ़ाएँ
उपरोक्त विधि को संपन्न करने के बाद उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान शिव का स्मरण करें और रुद्राक्ष को धारण करें
असली रुद्राक्ष की पहचान
एक मुखी रुद्राक्ष अर्द्ध चन्द्रमा या काजू के आकार जैसा दिखता है जिसमें केवल एक ही धारी पाई जाती है। यदि 1 मुखी रुद्राक्ष की पहचान अच्छे से करनी हो तो इसके लिए गर्म पानी में रुद्राक्ष को उबालें। अगर वह अपना रंग छोड़ने लगे तो वह रुद्राक्ष असली नहीं है। साथ ही रुद्राक्ष की पहचान का तीसरा तरीका है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालें यदि वह पहले रंग से अधिक गहरा प्रतीत हो तो वह असली है।
मंत्र
एक मुखी रुद्राक्ष- लक्ष्मी प्राप्ति,भोग एवं मोक्ष के लिए
'ॐ ह्रीं नम:' धारण मंत्र के साथ पहनें।
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- एक मुखी रुद्राक्ष की माला को धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और मन को शांति मिलती है
- इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जीवन में समृद्धि आती है
- जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि तथा व्यक्तित्व का विकास होता है
- एक मुखी रुद्राक्ष करियर तथा व्यवसाय में सफलता दिलाने में सहायक होता है
- एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है
- यदि कोई व्यक्ति यह रुद्राक्ष धारण करता है तो वह अपने क्रोध पर नियंत्रण पा सकता है
- यदि कोई व्यक्ति रक्त, हृदय, आँख और सिर आदि से संबंधित विकार से पीड़ित है तो उसके लिए यह रुद्राक्ष चमत्कारिक उपाय है
- यह रुद्राक्ष बुरी आदतों (नशीले पदार्थ का सेवन आदि) को छुड़वाने में सहायक है
अतः एक मुखी रुद्राक्ष मानव जीवन के लिए प्रकृति का शुभ दिव्य और शक्तिशाली उपहार है।