छह मुखी रूद्राक्ष की जानकारी
छह मुखी रुद्राक्ष वैराग्य का प्रतीक माना जाता है एवं इस रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का रूप भी माना गया है। छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव, भगवान कार्तिकेय और शुक्र ग्रह की कृपा मिलती है।साथ ही छह मुखी रुद्राक्ष को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है।
पहचान
छह मुखी रुद्राक्ष में 6 धारियाँ होती हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, ये धारियाँ स्पष्ट नजर आनी चाहिए। तब ही रुद्राक्ष को असली माना जाता है।
छह मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है ?
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जहाँ स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, वहीं तरक्की की राह खुलती है।
छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि,
छह मुखी रुद्राक्ष को पहनने के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है। इसे धारण करने से पहले प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर "ॐ ह्रीं हं नम:" का 108 बार जाप करें।
प्रतिदिन इसकी पूजा करें।
इस पर हमेशा भरोसा बनाए रखें।
किसी को भी इसकी जानकारी न दें।
टूटी हुई माला मत ना पहने।
अपना रुद्राक्ष किसी को न दें।
इसे पहनने के बाद माँसाहार खाना न खाएं।
इसे पहनने के बाद शराब न पिएं।
अंतिम संस्कार सेवा में जाने से पहले इसे हटा दें।
छह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि का विकास होने के साथ साथ नेतृत्व करने की छमता भी विकसित होती है।
शरीर में आने वाले रोगो को दूर कर स्वस्थ जीवन प्रदान करता है।
इस रुद्राक्ष को विधिवत पूजन कर धारण करने से भगवन कार्तिके की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिसके फल स्वरुप जीवन में आने वाले सभी कष्ट स्वतः ही दूर हो जाते है।
इस रुद्राक्ष के प्रधान देव शुक्र देव है।
सभी रोगो को खत्म करने ने सकती रखता है इसको धारण करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है।
कार्तिके से सम्बन्ध होने के कारन यह बुद्धि तेज करता है और ज्ञान की प्राप्ति के लिए बहुत लाभदायक होता है।
ऐसे लोग जो विवाह उपरांत संघर्ष कर रहे हो अर्थात जिनका वैवाहिक जीवन प्रेम पूर्वक नहीं बीत रहा हो उन्हें यह 6 मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए।
यदि आप प्रेम विवाह करना चाहते है या कला से सम्बंधित छेत्र में बेहतर करना चाहते है तो 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से ऐसा कर पाना बिलकुल आप के लिए सहज हो जाएगा।
यह रुद्राक्ष स्वस्थ्य रोग, रक्त चाप और हृदय सम्बंधित रोगो के उपचार में भी काम आता है।
छह मुखी रुद्राक्ष पवित्र चक्र को आकर्षित करने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसे स्वाधिष्ठान चक्र के रूप में भी जाना जाता है, जो पहनने वाले के चारों ओर सभी प्रकार की विनाशकारी ऊर्जाओं को साफ करता है और साथ ही जीवन में खुद को मजबूत करने में सहायता करता है। हर मनुष्य के लिए एक खुशहाल जीवन का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है छह मुखी रुद्राक्ष किसी भी मनुष्य को एक नई खुशहाल जिंदगी प्रदान करवा सकता है।