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"कलाप" में जहाँ एक ओर प्रेम की बानगी है, वहीं दूसरी ओर समाज के अनेक रुपों का वर्णन है सामाजिकता का जिक्र है तो उसका चिंतन भी समाविष्ट है। प्रकृति के अनेक रुपों का चित्रण है तो बगिया में फलते फूलते रिश्तो की कशमकश ओर कोमलता भी समाहित है।कलाप का आवरण अनुप्रिया जी द्वारा तैयार किया गया है।
पुस्तक अपने गंतव्य तक पहुँचे हमारी यही मनोकामना है।मैं मंच की ओर से सभी रचनाकारों को बधाई के साथ-साथ हमसे जुड़ने के लिए, अपनी अमूल्य रचनाएँ देने के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
अमरेश गौतम (अध्यक्ष),साहित्यिक बगिया