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पुस्तक "सनातन ज्ञानोदय" को मैं अपने गुरु को समर्पित करती हूँ, जिनकी कृपा, मार्गदर्शन, और अपार ज्ञान ने मेरे जीवन को प्रकाशमय किया है।
आप शिव स्वरूप हैं, जो ज्ञान, सत्य और दिव्यता का प्रतीक हैं। आपके द्वारा दिए गए अमूल्य उपदेश और शिक्षाएँ मुझे सदैव सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
आपकी असीम कृपा और आशीर्वाद के बिना यह प्रयास संभव नहीं होता। आप ही मेरे जीवन के सच्चे पथप्रदर्शक और प्रेरणास्त्रोत हैं।
आपके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।