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यह पुस्तक आर एस एस की स्थापना (1925) से लेकर वर्तमान वर्ष 2021 तक 95 वें वर्षों की गतिविधियों का संक्षेप मे वर्णन प्रस्तुत करती है। इसके अतिरिक्त यह बताने का प्रयास किया गया है कि हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रनिर्माण में आर एस एस का भी योगदान रहा है। बल्कि श्रेय लेने का प्रयास कभी नहीं किया है। स्वतंत्रता पश्यात आर एस एस हिंदुस्तान में तीव्र होती समाजिक और सेवा कार्यों की सक्रियता, देशवासियों में राष्ट्रीयता का भाव जगाने, सभ्यता और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के साथ उनके समाजिक समरसता की नीति, बाबा साहब भीमराव राम जी अम्बेडकर के जातीय भेदभाव को समाप्त करने की नीति के बीच समतुल्य विचारों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। मैं यह कह भी नहीं सकता हूँ कि इन कम कागजों पर आर एस एस के विषय में संम्पूर्णं शौर्यता को उतारा जा सकता है। परंतु पुस्तक के माध्यम से आर एस एस के विषय मे अपरिचित व्यक्तियो को भी परिचित कराने का एक छोटा सा प्रयास है।