पूर्णता से पूर्णता तक

पूर्णता से पूर्णता तक

(ईशावास्य उपनिषद पर आधारित) लेखक - अनंत श्री

ये किताब पूर्णता से पूर्णता तक, पूज्यनीय अनंत श्री के द्वारा ईशावास्य उपनिषद पर बोले गए talks का संकलन है। अनंत श्री आज के समय के आधुनिक, आध्यात्मिक, प्रबुद्ध गुरु हैं। उनके द्वारा बोले गए बहुत से audio/ video YouTube पर upload हैं, जिनके माध्यम से देश विदेश में लाखों लोग उनसे जुड़े हैं और उनकी देशनाओं का लाभ उठा रहे हैं। उनके शब्द अंधेरी रात में करोड़ों दीपों के जलने के समान हैं, जो अपनी रोशनी से हर मन को प्रकाशित कर रहे हैं।
उन्होंने पुराने साहित्यों, वेदों, उपनिषदों पर आज के मन के अनुसार सरल और सहज व्याख्याएं दी हैं, जिन में अष्टावक्र गीता, विज्ञान भैरव तंत्र और ताओ ते चिंग पर दी गई देशनायें popular हैं। उनके अनुसार सत्य एक ही था, है और रहेगा। देश तथा काल के अनुसार उसे समझाने वाले और समझने वाले लोग बदलते रहेंगे। अनेक रूपों और माध्यमों से उस एक ही सत्य की अभिव्यक्ति की जाती रही है और रहेगी। हमारे ऋषियों ने जीवन के सत्य बताने वाले अनेक काव्य और ग्रंथों की रचना की। आधुनिक जनमानस के लिए उनको समझना बहुत कठिन है और उसे गलत समझ लेने की बहुत संभावना है, जिससे कोई भटकाव और मूढ़ताओं में फंस सकता है। अनंत श्री द्वारा दिया गया सारा ज्ञान अकर्ता की समझ पर आधारित है। अलग अलग कोणों से, अलग अलग तरीकों से उन्होंने यही समझाने की कोशिश की है कि मनुष्य कुछ नहीं करता, सब कुछ स्वयं ही हो रहा है और वह स्वयं को कर्ता मान कर दुखी सुखी होता रहता है। यही सत्य है और भारतीय मनीषियों ने अनंत काल से यही समझाने की कोशिश की है। ईशावास्य उपनिषद के माध्यम से भी ऋषियों ने यही कहा है। जिसे अनंत श्री ने सरल भाषा और उदाहरणों से हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। जिस प्रकार मां अपने बच्चे के मन और आवश्यकताओं को समझ कर उसके अनुसार उसे भोजन परोसती है, उसी प्रकार अनंत श्री अपने शिष्यों और श्रोताओं के प्रति प्रेमवश इस प्राचीन अमूल्य ज्ञान को, उन के अनुसार सरल बनाकर प्रस्तुत करते हैं।
यह एक सम्बुद्ध गुरु का प्रेम ही है, जो शब्दों और आशीर्वाद के रूप में हर मन में सम्माहित होता है। अनंत श्री ने अपनी सारी देशनाओं में प्रेम, शांति, प्रसन्नता और समस्वरता की बात की है। उनके अनुसार हर इंसान अपने जीवन में इन्हीं की तलाश में है। जिस इंसान के जीवन में ये चार स्तंभ सशक्त और अटूट हैं, वही मुक्त है। जीवन के संघर्ष और अवसाद में लिप्त मनुष्य के लिए यह संग्रह अमूल्य है। जीवन में इस ज्ञान को समझ कर हर कोई हमेशा आनंद में जी सकता है।
यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अनंत श्री के सान्निध्य और मार्गदर्शन में इस संकलन में अपना योगदान दे सकी। मेरे गुरु को कोटि कोटि नमन एवं धन्यवाद। यही आशा करती हूँ कि मेरी तरह अनंत श्री को पढ़ने और सुनने वाले, हर किसी के जीवन में स्पष्टता, शान्ति और प्रेम के फूल खिलें।

अर्चना कौशिक
(संपादक की ओर से)

  • In LanguageHindi
  • GenreSpirituality
  • Date Published 12th July 2024
  • ISBN978-81-19934-49-2
  • Read eBook Google Play , Google Books