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विश्व के इतिहास में महापुरुषों के जीवन एवं उनके रहन सहन की अपेक्षा, हममें से अधिकांश लोग अपने आस-पास के विशिष्ट पुरुषों एवं घटनाओं के विषय में रूचि लेते हैं, हमारे विशिष्ट पूर्वज उनके रहन सहन एवं स्थानीय महत्वपूर्ण घटनाऐं विशिष्ट होते हुए भी लिपिबद्ध न होने के कारण विलुप्त हो जाती है। प्रतिष्ठ लेखकों के कारण ही उर्मिला और राणाकुम्भा प्रसिद्ध हो पाये अन्यथा ये अद्भुत पात्र भी काल के गाल में समा गये होते।
कुछ विषयों के मनन से हमें सीख और प्रेरणा मिलती है तथा कुछ घटनाओं के मन्थन से हास्य, प्रेम, करूणा आदि अनेक स्वाद का नवनीत प्राप्त होता है। छोटी-छोटी बातों में बहुत बड़ा-बड़ा सन्देश छिपा रहता है लेकिन उसे समझने के लिये मन्थन और मनन की आवश्यकता होती है। किसी व्यक्ति के विचार जानने, उसके अनुभव को समझने से अपने अनुभव को विस्तार मिलता है। पुराने समय के विशिष्ट पात्रो को संस्मरणों के माध्यम से जीवित रखने का प्रयत्न किया गया है। पुस्तक के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक हैं।
एक ही विषय अथवा घटना की अभिव्यक्ति अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग की जाती है। पुरानी परिस्थितियों में पुराने लोगों की रहन-सहन, नई पीढ़ी के लिये कौतुहल का विषय हो सकता है।
मेरे दृष्टिकोण और मेरे संस्मरणों के मनन और मन्थन से निकले हुए तत्व की ग्राह्यता इस पुस्तक की सफलता की कसौटी होगी।