हँसना, प्रसन्नता की अभिव्यक्ति है। स्वजनों को हँसता देखकर हम स्वयं प्रसन्न हो जाते हैं। ईश्वर की मुस्कराती छवि देखकर भक्त भाव विभोर हो जाता है। हमारे जीवन में हास्य रस का महत्वपूर्ण स्थान है। हास्य का रसास्वादन करने कभी हम कवि सम्मेलनों में पहुँचते हैं तो कभी नाट्य शालाओं में। चुटकुले, कार्टून और हास्य व्यंग्य का साहित्य हमें हँसाने के लिये आकर्षित करते हैं। सामान्य चर्चा में भी हम हास्य का आनन्द लेते हैं। हँसमुख व्यक्ति सभी जगह पसन्द किये जाते हैं जबकि रूखे स्वभाव वाले व्यक्ति से सब कोई बचना चाहता है। व्यक्तित्व को परिष्कृत करने में भी हास्य का महत्वपूर्ण योगदान है। पुस्तक के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है। प्रस्तुत पुस्तक में किसी न किसी बहाने हँसी प्रकट करने का प्रयत्न किया गया है। पाठकों के चेहरे पर हँसी देखने के लिये बहानों और तानों का सहारा लिया गया है।
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