sone ka haar by pankaj veerwal

सोने का हार

पंकज वीरवाल "किशोर"

प्यारे बच्चों,
एक बार फिर प्यारा-सा, सुन्दर-सा कहानियों का गुलदस्ता लेकर हाज़िर हूँ ‘मैं यानि तुम्हारा पंकज। जिसमें ‘आदत से मज़बूर’, ‘पिकनिक’, ‘मंकीमेन’, ‘सोने का हार’ और ‘सच्ची खुशी’ जैसी कहानियों के विभिन्न रंगों वाले फूल खिले हैं। जिस तरह बगीचे में रंग-बिरंगे पंखों वाली तितलियाँ देखकर मन उड़-उड़ जाता है और उनके पीछे दौड़ने लगता है, निश्चित ही उसी तरह रंग-बिरंगे चित्रों से सजी ये कहानियाँ आपके मन को कल्पना लोक में उड़ाने वाली है और बहुत लुभाने वाली है। स्कूल की पढ़ाई के बाद जब भी आप बोर होने लगेंगेे तो अवश्य ही ये कहानियाँ आपका मनोरंजन करेंगी और एक नई ताजगी से आपको भर देंगी। बच्चों, इन कहानियों में आपको किसी न किसी प्रकार की प्रेरणा अवश्य मिलेगी। जैसे-एक तरफ संकट के समय चतुराई और आत्मविश्वास के साथ मुसीबत से मुकाबला करने तथा देश-सेवा, ईमानदारी, बूढ़े व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति जैसे गुणों का विकास होगा तो दूसरी तरफ झूठ, लालच और चोरी जैसी गलत आदतों से दूर रहने की सीख मिलेगी।
अच्छा, आपको यह पुस्तक कैसी लगी, अपने दोस्तों और मुझे जरूर बताना। बताओगे ना?

आपका
पंकज वीरवाल

  • In LanguageHindi
  • GenreKids Stories
  • Date Published 11th November 2017
  • ISBN978-93-86895-13-4
  • Buy Now Paperback at 145.00/- INR
  • पुस्तक order करने में किसी भी समस्या की स्तिथि में तथा bulk आर्डर के लिए 7844918767 (अर्पित जी) पर कॉल करें