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कवि के इस कविता-संग्रह “सीमंतिनी” में 59 कविताएं प्रकाशित हुई हैं।इन कविताओं में अलग-अलग विषयवस्तु हैं।कभी बचपन की मधुर स्मृतियाँ तो कभी किशोरावस्था में बंधु-बांधवों से हुई झड़प और माता-पिता से जुड़ी हुई यादें हैं,जो उनकी कविताएँ ‘आत्मपरिचय’, ‘स्मृति-परिणय’, ‘मेरे लिए’, ‘तुम्हारे लिए’ में प्रकट होती हैं। ‘स्मृति-परिणय’ में कवि अपने विवाह की यादों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत करता है। कविताओं में कभी जीवन के उत्तरार्ध की व्यथा,निसंगता और एकाकीपन उनकी कविताओं ‘लक्ष्मण-रेखा’,‘कानन-बाला’, ‘निसंग जीवन’ में उभर कर सामने आता हैं।