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ह्रदय में भाव जगते है तो कलम चलती है, दिन रात उदित रहे, कभी न ये ढलती है
करुणा, हास्य, व्यंग, आदि आभूषण है, इनके सानिध्य कविता जन्मति पलती है।।
हिंदी साहित्य का इतिहास प्राचीनतम है। इसका आरम्भ वैदिक काल से माना जाता है। हिंदी कविता भी लगभग एक हजार वर्ष की यात्रा पूरी कर चुकी है। साहित्य अपने विभिन्न कालो में आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल से अब तक इस लम्बी यात्रा में समय समय पर कालअनुरूप अपनी भाषा के सौंदर्य, शिक्षा, ज्ञान और प्रेरणा से संचित करता आ रहा है।
संपादक की कलम से........