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दुनिया में अमीर है कोई, दर्द, गरीब का बाँटता है कोई, जानकर भी अनजान बन जाते है, निःस्वार्थ प्रेम जताता है कोई, ख़ुशी किसी कोई रास नहीं आती, दर्द में यूँ ही मुस्कुराता है कोई पेट भर भोजन करके भी थाली देख दूसरे की ललचाता है कोई भीतर अपने झांकता नहीं सीख दूसरों को सिखाता है कोई