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‘निर्देशन एवं परामर्श’ शिक्षा प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। वर्तमान बदलते परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों के शैक्षिक, व्यावसायिक तथा व्यक्तिगत विकास हेतु समुचित निर्देशन एवं परामर्श की अत्यधिक आवश्यकता है। प्रस्तुत पुस्तक में निर्देशन के सम्प्रत्यय, निर्देशन के प्रकार, निर्देशन कार्यक्रम का संगठन, निर्देशन सेवाओं, सामूहिक निर्देशन, विद्यालय तथा समाज में निर्देशन की उपयोगिता, परामर्श का सम्प्रत्यय, परामर्श के प्रकार, परामर्शदाता के गुण व योग्यताएं तथा भारत में निर्देशन की समस्याएं एवं समाधान आदि घटकों का विस्तृत एवं सरल रूप में प्रस्तुतिकरण किया गया है।