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डाॅ. विमला भंडारी के साहित्यिक कृतित्व की रूपरेखा एवं उनको मिले सम्मान/पुरस्कारों का विवरण:
विश्व की 111 हिन्दी लेखिकाओं में अपना नाम लिखवाने वाली राजस्थान में जानी पहचानी, उदयपुर एवं सलूम्बर क्षेत्र में कार्यरत है। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली से बाल साहित्य में पुरस्कृत है। वर्ष 2013 में ‘‘अणमोल भेट’’ कहानी संग्रह पर उन्हें यह पुरस्कार मिला।
राजस्थान साहित्य अकादमीे से बाल साहित्य में पुरस्कृत है। वर्ष 1994-95 में ‘‘प्रेरणादायक बाल कहानियां’’ कहानी संग्रह पाण्डुलिपि पर उन्हें "शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार" मिला। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी से बाल साहित्य में पुरस्कृत है। वर्ष 2013 में ‘‘अणमोल भेंट’’ कहानी संग्रह पर उन्हें "जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य पुरस्कार" मिला। उनकी लिखे बाल उपन्यास ‘‘इल्ली और नानी’’ राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 1999 में पुरस्कृत हो चुकी है। पुरस्कार की इस कड़ी में उनकी दो पुस्तकों को बाल पत्रिकाओं से पुरस्कार मिला। ‘‘सितारों से आगे’’ किशोर उपन्यास को "बालवाटिका" व दूसरा बाल उपन्यास ‘‘सुनेहरी और सिमरू’’ को "बालप्रहरी पुरस्कार" मिल चुका है। "साहित्य समर्था" पत्रिका से वे वर्ष 2014 में "श्रेष्ठ बाल कहानी पुरस्कार" ले चुकी है। आपका लिखा ‘सलूम्बर का इतिहास’ बहुचर्चित एवं लोकप्रिय हुआ। 12 बाल साहित्य की कृतियां, 3 कहानी संग्रह, 2 नाटक, अनुदित राजस्थानी भाषा का उपन्यास, आजादी की डायरी जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी है। राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक रचनाओं का अब तक प्रकाशन हुआ है।
30 से अधिक साहित्य एवं इतिहास विषयक पत्रवाचन किए है। जयपुर दूरदर्शन से साक्षात्कार, व जयपुर, उदयपुर एवं चितौड़गढ़ आकाशवाणी केन्द्र से नाटक, कहानी, वार्ता के प्रसारण (हिन्दी व राजस्थानी) हुए है। दो दर्जन से भी अधिक से राष्ट्रीय पुरस्कार व सम्मान से सम्मानित डाॅ. विमला भंडारी संवेदना से साहित्यकार, दृष्टि से इतिहासकार, मन से बाल साहित्यकार और सक्रियता से सामाजिक कार्यकर्ता है। आप साहित्य, इतिहास और राजनीति में पिछले 30 वर्षो से निरंतर सक्रिय है।
आप राजस्थान साहित्य अकादमी की 17 वीं सरस्वती सभा की सदस्य रही है। जिला परिषद, उदयपुर एवं नगर पालिका सलूम्बर की चयनित जनप्रतिनिधी रही है।
सलिला सलूम्बर की संस्थापिका अध्यक्ष होने के साथ साथ आपने २० वर्ष से राष्ट्रीय, राज्य एवं संभाग स्तरीय विभिन्न साहित्य सम्मेलनों का आयोजन, प्रदेश यात्राएं की है।
सलिल प्रवाह स्मारिका प्रकाशन, बच्चों की लेखन कार्यशालाओं का आयोजन एवं प्रदर्षनी लगाना, प्रतिवर्ष पुस्तक प्रदर्षनी आयोजन करना उल्लेखनीय कृत है। आपके समग्र लेखन व व्यक्तित्व पर दिनेश कुमार माली द्वारा समीक्षा ग्रंथ ‘‘डाॅ. विमला भंडारी की रचनाधर्मिता’’ वर्ष 2015 में प्रकाशित हुआ है। आपके समग्र लेखन पर विद्यार्थियों द्वारा एम. फिल. इत्यादि शोधकार्य हुए। माहेश्वरी महासभा, उदयपुर की सक्रिय सदस्य रही है। सलूम्बर माहेश्वरी महिला संगठन की संस्थापक अध्यक्ष है। आपके आलेख समाज की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते है।
प्रकाशित पुस्तकें:
1- Illi and Granny
2- सलूम्बर का इतिहास
3- प्रेरणादायक बाल कहानियाँ
4- मजेदार बात
5- करो मदद अपनी
6- जंगल उत्सव
7- बगिया के फूल
8- अनमोल भेंट
9- सुनेहरी और सिमरु
10- बालोपयोगी कहानियाँ
11- सितारों के आगे
12- इल्ली और नानी
13- किस हाल में मिलोगे दोस्त
13- कारगिल की घाटी