मोना महादेव की
कई लोगों ने मुझसे पूछा, "मोना, तूने ये लिखना कब से स्टार्ट किया और कैसे लिख लेती है तू ये।" मेरा केवल एक ही उत्तर रहता है, "मेरे महादेव मुझसे लिखने को बोल रहे है।"
शून्य। क्या है यह शून्य। मुझे आपको या हम में से किसी न किसी को जीवन में इस शून्य ने विचलित किया होगा। कभी किसी परीक्षा में या कहीं किसी अपने के द्वारा यह कहे जाने पर कि, "तू तो जीरो है तुझे कुछ नहीं आता है, तुझसे कुछ नहीं हो सकता।"
वास्तव में हम निराश इस लिए होते है कि हमें लगता है कि शून्य का कोई मूल्य नहीं है शून्य का अर्थ है सब कुछ समाप्त, इसके आगे कुछ नहीं। जबकि वास्तविकता यह है कि शून्य अपने आप में बहुत बड़ा है, शून्य अपने आपमें बहुत विस्तृत है।
जीवन में एक समय ऐसा भी आता है कि जब हमें लगता है कि हमारा यह जीवन ही शून्य है, परन्तु यही हम उस समय इस शून्य का महत्व समझ ले तो हम जीवन निरंतर सफलता की ओर अग्रसर होंगे।
- मोनिका गुप्ता