अनुनाद by सुमित गौतम

अनुनाद

सुमित गौतम

दुनियावी जटिलताओं को सुलझाने के लिए दौड़ते हुए जब एक पाँव के जूते का तस्मा खुलकर दूसरे पाँव के जूते में उलझ जाता है, तब जीवन के मायने तलाशने की आपाधापी शुरू हो जाती है। अँधेरी गलियों में कविताओं की लालटेन जब जलती है, उसकी रोशनी में तमाम वो चीजें आलोकित हो जाती है जो उपेक्षित और निर्वासित हो चली थी। साइकिल की घंटी चुटकी में तानपुरा बनकर गूँजने लगती है जिसका 'अनुनाद' पीढ़ियों तक मुखरित होता है। ऐसी ही लालटेन है सुमित गौतम का काव्य संग्रह 'अनुनाद'

  • In LanguageHindi
  • GenrePoem
  • Date Published 27th November 2017
  • ISBN""978-93-86895-11-0""
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