महादेव के लिए मोना का निश्छल प्यार

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महादेव के लिए मोना का निश्छल प्यार

महादेव के लिए मोना का निश्छल प्यार

मैं मोना महादेव की। निश्छल प्रेम आत्म तत्व की रचना है, जिसे सन्त मीरा जी ने अनुभव किया। कलिकाल में प्रेमाभक्ति को चरमोत्कर्ष प्रदान करने वाली दिव्य ऊर्जा माता मीरा के निश्चल प्रेम को शब्दों में व्यक्त करते हुए शब्द भी नि:शब्द से हो जाते हैं । संत मीरा हमेशा गाती थी, "मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई जाके सिर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई ।।” मैंने भी एक बार प्रभु से पुछा की, मुझे महादेव के प्यार मे क्यों हमेशा रहने का मन होता है ? प्रभु बोले कि आत्म तत्त्व तो एक ही है, आप उसको किस रूप में अपनाते हो यह तो आपके स्वभाव पर निर्भर करता है। जैसे पानी का स्वभाव बहना है समंदर की ओर, अग्नि का स्वभाव है ऊपर की ओर, ऎसे ही जिसका जैसा स्वभाव होता है प्रभु उसी रूप में दिखने लगते है। कृष्ण तो सबके है किसी के भाई के रूप में तो किसी के लिए पिता के रूप में।
द्रौपदी भगवान कृष्ण की भक्ति में थी, वो उनको भाई, सखा और रिश्तेदार मानती थी। जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, वो कृष्ण को हाथ जोड़ कर पुकार रही थी, प्रभु आओ, लाज बचा लो। प्रभु ने बोला कि एक हाथ से तूने साड़ी पकड़ी है और एक हाथ से बुला रही है। वो रोती रही, पुकारती रही, जब साड़ी का सिर्फ़ एक हिस्सा बचा औऱ बस ख़त्म जैसा महसूस करने वाली थी द्रौपदी। उसकी पुकार और तेज़ हुई। हाथ दोनों ऊपर उठ गए, प्रभु प्रकट हुए। "मैं आता हूँ" बस सम्भाल लिया अपने भक्त को प्रभु ने। प्रभु को पाने के लिये जिस दिन पूरा समपर्ण हो गया, हाथ ऊपर हो गए, तू ही करने वाला औऱ तू ही पालनहारा उस दिन प्रभु प्रकट हो जाते है।
जब मेरी जिंदगी मे वो पल था, प्यास जगी थी, तड़प रही थी, पुकार रही थी, घर की सीढ़ियों से, कमरे में, बालकनी में, सिर्फ एक पुकार, रास्ता दिखाओ, प्रभु। फिर प्रभु बोले एक दिन, "मै आता हूँ" । मैं महादेव के प्यार मे जो डूबी हूँ, ऐसा लग रहा है कमल खिला कीचड़ में । प्रभु बोले कि पंखुड़ी, फूल बनती है, मुरझाने के लिए नहीं, महकने के लिए। उस महक को थोड़ा थोड़ा अनुभव कर रही हूँ। मन नृत्य कर रहा है, झूम रहा है अपने मस्ती में। पूर्णिमा के दिन थोड़ा सा नृत्य किया, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। खुद से ही प्यार हो गया ऐसा लगा कि मेरे महादेव नृत्य कर रहे है मेरे साथ। अब थोड़ा समझ आया कि निश्छल प्रेम आत्म तत्व की रचना है, प्रेम कृष्ण से हो या महादेव से। मैं सौभाग्यशाली हूँ कि महादेव ने मुझे संभाला हुआ है।

दिनाँक : 25 August 2022
Monika Gupta

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